गर्मी के मौसम ने ली अंगड़ाई |
रात की अंधेरी ने आंख रड़काई ||
जलदों से फुहारों की रिमझिम |
हुई हवा में आज कुछ सिमसिम ||
मस्तानी बयार बहे पुरवाई |
ठंडी-2 समीर तन को भाई ||
रात की अंधेरी ने आंख रड़काई ||
जलदों से फुहारों की रिमझिम |
हुई हवा में आज कुछ सिमसिम ||
मस्तानी बयार बहे पुरवाई |
ठंडी-2 समीर तन को भाई ||
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