मंगलवार, 14 अगस्त 2012

शेयर अर्ज है


बुधवार, 6 जून 2012

छाया चित्रों का संग्रह



मैं दुर्योधन हूँ

मैं दुर्योधन हूँ
मैं द्वापर में था, आज भी हूँ
मैं मरा नहीं, जिंदा हूँ
मेरी नगरी इंद्रप्रसथ आज भी
यमुना के तीर पर खड़ी है |

महाभारतकाल में हम 100 भाई थे
आज हमारी संख्या 500+ हो गई है||

उस जमाने में हम अभिमंत्रित कलश से पैदा हए थे
आज मतपेट्टी रूपी कलश से पैदा हो रहे हैं

तब मेरा साम्राज्य केवल इंद्रप्रस्थ था
आज पूरा भारतवर्ष मेरे अधीन है

मेरे दु:शासन आदि भाई द्रोपदियों का चीर हरण करने
में मस्त है|
मेरे मामा शकुनी खजाना भरने मे व्यस्त हैं ||

मौसम की करवट

गर्मी के मौसम ने ली अंगड़ाई |
रात की अंधेरी ने आंख रड़काई ||

जलदों से फुहारों की रिमझिम |
हुई हवा में आज कुछ सिमसिम ||

मस्तानी बयार बहे पुरवाई |
ठंडी-2 समीर तन को भाई ||

शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2012

जिंद्गी की डगर

जिंदगी की कठिन डगर मे
     कुछ लोग हार जाते है |
कुछ लोग होंसलों से,
     रास्तों को पार कर जाते हैं|
पर तारीख याद रखती है,
     चंद मुसफिरों को|
जो रास्ते तय करते -2
    उनकी बयार बदल जाते है |

आओ हम जाग जाएँ

प्यार की डगर छूट न जाए,
     सांसो की डोर टूट न जाए,
आओ हम जाग जाएँ


दिन ढल न जाए,
     समय निकल न जाए
आओ हम जाग जाएँ 

लुटेरे लंगर लूट न ले जाए,     
    दुश्मन पीठ मे छुरा घोंप न जाए
आओ हम जाग जाएँ 


फूल कुम्ह्ला न जाए
     चाँद धुंधला न जाए
आओ हम जाग जाएँ  

गंगा का पानी गंदला न जाए,
     द्वारिका  समुद्र में डूब न जाए
आओ हम जाग जाएँ  

नदियोँ में पानी सूख न जाए
     रेगिस्तान आगे बढ न जाए 
आओ हम जाग जाएँ  

सफेद कुर्ते पर दाग लग न जाए
     खाखी वर्दी का रंग उड़ न जाए
आओ हम जाग जाएँ  

शनिवार, 11 फ़रवरी 2012

राजनेताओं की नैतिकता


            सभी राजनैतिक पार्टियां एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। इनको सता हासिल करने के लिए कोई न कोई बहाना चाहिये। नैतिकता, ईमानदारी, इंसानियत आदि-आदि तो इनके लिए अछूत हैं तथा साम्प्रदायिकता, भाई-भतीजावाद, जात-पांत, दंगा-फसाद, आपराधिक गिराहों, गुण्डे-बदमाषों आदि को पनाह व पोषण इनके हथियार हैं।
कर्नाटक के इन विधायकों व मंत्रियों की ये हरकत पांच राज्यों में होने वाले चुनावों ने बीजेपी की विपक्षी पार्टियों को मतदाताओं का वोट हासिल करने का केवल हथियार मात्र हैं।
अर्थात हमाम में सभी नंगें हैं-
राजनैतिक दल अनुसार मैं कुछ नेताओं के उदाहरण दे रहा हूं
कांग्रेसः
1. 1978 सुरेषराम पुत्र श्री जगजीवनराम- सुरेष की एकं छात्रा के साथ आपत्तिजनक तस्वीर एक मैगजीन में छपी।
2. 1995ः दिल्ली का मषहूर तंदूर कांड- सुषील शर्मा ने अपनी पत्नि का कत्ल कर लाष के टुकड़े-टुकड़े कर तंदूर में जलाया।
3. 2003ः हरकसिंह रावत उतराखंड के पूर्व राजस्व मंत्री असमिया लड़की से बलात्कार
4. 2003ः अमरमणि त्रिपाठी यूपी के पूर्व मंत्री कवियत्री मधुमिता शुक्ला से अवैध संबंध।
5. 2008ः मनमोहन सामल-ओडिषा के राजस्व मंत्री महिला के साथ अवैध संबंध रखने का आरोप।
6. 2009ः नारायणदत तिवारी- यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री व आंध्रप्रदेष के राज्यपाल - राज्यपाल रहते हुए राजभवन में तीन महिलाओं से सैक्स करते हुए पकड़े गए। यूपी के एक युवक का दावा का उसका पिता श्री तिवारी है। श्री तिवारी का डीएनए टेस्ट से इन्कार।
7. राजस्थान के मंत्री श्री महिपाल मदेरणा व विधायक मलखान सिंह के साथ कई अन्य कांग्रेसी नेता भंवरीदेवी कत्ल केस में सीबीआई द्वारा दोषी सिद्ध। वहीं विधायक रामलाल जाट पर अपने भाई की पत्नि की हत्या व बिना पोस्टमार्टम किए लाष का अंतिम संस्कार का आरोप।
भाजपाः
1. संजय जोषी- 2005 में एक सीडी में महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति में दिखे। आज यूपी में चुनाव प्रभारी
2. सत्यानंद झा- 2011 में महिला से अवैध संबंध व बाद में गुपचुप शादी। आज सरकार में कृषि मंत्री।
3. सुभाष शर्मा- अमृतसर के पूर्व महापौर होटल में लड़की के साथ रंगेहाथों पकड़े गये। आज जिला उपाध्यक्ष।
अकालीदल-
1. गगनजीत सिंह पूर्व राज्यपाल सुरजीतसिंह बरनाला के बेटे- नौकरानी से दुष्कर्म। 2009 में आरोपमुक्त होकर आज चुनाव में प्रत्याषी।
अन्यः
1. हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री व बाद में केन्द्र में संचार मंत्री श्री सुखराम टेलीकॉम घोटाला
2. नरसिम्हाराव यूरिया घोटाला
3. मधु कोडा झारख्ंाड के पूर्व मुख्यमंत्री अवैध तरीके से धन जमा करना
4. सिबू सोरेन झारख्ंाड के पूर्व मुख्यमंत्री जेल की हवा खाई
5. सुरेष कलमाडी- कॉमनवेल्थ घोटाला
6. ए.राजा पूर्व दूरसंचार मंत्री
अधिकारीः
1. ज्ञानेष्वर पाटिल मध्यप्रदेष के आईएएस ऑफिसर, दफतर में समलिंगी संबंध बनाते कैमरे में कैद।
2. हयात और नटराजन - झारखंड के आईजी और डीआईजी महिला से दुष्कर्म का आरोप।
सभी उदाहरण दैनिक भास्कर से साभार।
            एक अरसा हो गया है हमने अपनी आंखों से देखा है कि किस तरह ये गठजोड़ उसी लोकतंत्र की जड़ें खा रहा है, जिसे इस देष की एक करोड़ बीस लाख जनता ने अपने खून पसीने से सींचा है।
           अपनी गलियों में हम सुरक्षित महसूस नहीं करते उनके गुर्गों से जिन्हें हमने राजधानी भेज दिया।
रोजमर्रा के जरूरत की चीजें हमारी पहुंच से दूर होती जाती है क्योंकि उनकी नीतियां उनके नाजायज हिस्से के तराजू पर तुली होती है।
           दबंगों का अष्लील रूतबा देख, जवान होते हमारे बंच्चे दबंग बनना चाहते हैं और आने वाली पीढियां  अब वो सीढियां उतर रही हैं जो सभ्यता व संस्कृति पर सवाल उठाती हैं।
          आदर्ष की परिभाषा बिगड़ गई हैं। समाज का व्याकरण ही अपराध और भ्रष्टाचार के संधि समास में खो गया है। क्योंकि हम अपराध और भ्रष्टाचार, नैतिक और चारित्रिक पतन की जिम्मेदारी नहीं लेते। इस सोच ने हमको वहां ला खड़ा किया, जहां हम आज हैं।
          शेर अर्ज है-
                           अपने खिलाफ फैसला खुद ही लिखा है आपने,
                           अब हाथ मल रहे हैं आप, आप बहुत अजीव हैं।

शनिवार, 28 जनवरी 2012

आँखें दिल का आइना है

आँखें दिल का आइना है
मुस्कान दिल का गहना है
संगीत दिल की झंकार है
महोब्बत हर दिल का सपना है
चेहरा दिल का दर्पण है
धड़कन दिल का तराना
अंशु दिल का दर्द है
गम तो है आना जाना
जीवन चार दिनों का मेला है
क्यों पल पल रोना है
हर दिल में खुशियाँ भर
कर दो हर पल सपन सलोना 

मेहनत

मेहनत करने वाले ही विकास करते हैं 
सफल वे ही होते हैं जो प्रयास करते हैं
हाथ पर हाथ धरकर बैठने वाले सिर्फ 
औरों की सफलता का आभास करते हैं 

जीवन इक बाजी है

जीवन इक बाजी है ।
बाजियां जीती भी जाती है ।
बाजियां हरी भी जाती है ।
द्रोपदी जैसी सतियाँ 
बाजियों मैं वारी भी जाती है 
यहाँ बेउसूल बाजीयां 
हर रोज लगती है 
महाभारत हर घर मैं 
रोज दुहराई जाती है