मंगलवार, 10 दिसंबर 2013

घर के शेर

हम भारत के भरत घर के शेर
बाहर जाते ही हो जाते ढेर ।

फिरंगियों से मुँह की खाई ,
कंगारूओं ने धूल चटाई ।

अबकी बार ताल ठोक कर बोले,
अफ्रीका जाते ही चुभ गए शोले ।

पहला वन फॉर वन,
सभी रह गये सन ।

दूसर में बोले बीफोर ,
अबकी वन थ्री  फॉर ।

स्टेन गन के आगे हो गये ढेर,
१०० से कम नहीं पिटेंगे फ़ेर।

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