#विदेशी_कैलेंडर.
के नव वर्ष पर विभिन्न देशों में चल रहे कैलेंडर वर्ष पर चर्चा और उनकी व्याख्या
#कैलेंडर यानी समय विभाजन का तरीका-वर्ष, मास, दिन, का आधार, पृथ्वी की गति और चन्द्र की गति के आधार पर करना। लैटिन में Moon के लिए Luna शब्द है, अत: Lunar Month कहते हैं। लैटिन में Sun के लिए Sol शब्द है, अत: Solar Year वर्ष कहते हैं। आजकल इसका माप 365 दिन 5 घंटे 48 मिनिट व 46 सेकेण्ड है। चूंकि सौर वर्ष और चन्द्रमास का तालमेल नहीं है, अत: अनेक देशों में गड़बड़ रही।
आओ जाने विदेशी कैलेंडरो के बारे में
#हिन्दू_कैलेंडर की चर्चा अगली पोस्ट में करूंगा।
समय का विभाजन ऐतिहासिक घटना के आधार पर करना। ईसाई मानते हैं कि ईसा का जन्म इतिहास की निर्णायक घटना है, इस आधार पर इतिहास को वे दो हिस्सों में विभाजित करते हैं। एक बी.सी. तथा दूसरा ए.डी.। B.C. का अर्थ है Before Christ - यह ईसा के उत्पन्न होने से पूर्व की घटनाओं पर लागू होता है। जो घटनाएं ईसा के जन्म के बाद हुर्इं उन्हें A.D. कहा जाता है जिसका अर्थ है Anno Domini अर्थात् In the year of our Lord. यह अलग बात है कि यह पद्धति ईसा के जन्म के बाद कुछ सदी तक प्रयोग में नहीं आती थी।
#रोमन_कैलेण्डर-आज के ई। सन् का मूल रोमन संवत् है जो ईसा के जन्म से 753 वर्ष पूर्व रोम नगर की स्थापना के साथ प्रारंभ हुआ। प्रारंभ में इसमें दस माह का वर्ष होता था, जो मार्च से दिसम्बर तक चलता था तथा 304 दिन होते थे। बाद में राजा नूमा पिम्पोलियस ने इसमें दो माह Jonu Arius और Februarius जोड़कर वर्ष 12 माह का बनाया तथा इसमें दिन हुए 355, पर आगे के वर्षों में ग्रहीय गति से इनका अंतर बढ़ता गया, तब इसे ठीक 46 बी.सी. करने के लिए जूलियस सीजर ने वर्ष को 365 1/4 दिन का करने हेतु नये कैलेंडर का आदेश दिया तथा उस समय के वर्ष को कहा कि इसमें 445 1/4 दिन होंगे ताकि पूर्व में आया अंतर ठीक हो सके। इसलिए उस वर्ष यानी 46 बी.सी. को इतिहास में संभ्रम का वर्ष (Year of confusion) कहते हैं।
#जूलियन_कैलेंडर- जूलियस सीजर ने वर्ष को 365 1/4 दिन का करने के लिए एक व्यवस्था दी। क्रम से 31 व 30 दिन के माह निर्धारित किए तथा फरवरी 29 दिन की। Leap Year में फरवरी भी 30 दिन की कर दी। इसी के साथ इतिहास में अपना नाम अमर करने के लिए उसने वर्ष के सातवें महीने के पुराने नाम Quinitiles को बदलकर अपने नाम पर जुलाई किया, जो 31 दिन का था। बाद में सम्राट आगस्टस हुआ; उसने भी अपना नाम इतिहास में अमर करने हेतु आठवें महीने Sextilis का नाम बदलकर उस माह का नाम अगस्त किया। उस समय अगस्त 30 दिन का होता था पर-"सीजर से मैं छोटा नहीं", यह दिखाने के लिए फरवरी के माह जो उस समय 29 दिन का होता था जो एक दिन लेकर अगस्त भी 31 दिन का किया। तब से मास और दिन की संख्या वैसी ही चली आ रही है।
#ग्रेगोरियन_कैलेंडर - 16वीं सदी में जूलियन कैलेन्डर में 10 दिन बढ़ गए और चर्च फेस्टीवल ईस्टर आदि गड़बड़ आने लगे, तब पोप ग्रेगोरी त्रयोदश ने 1582 के वर्ष में इसे ठीक करने के लिए यह हुक्म जारी किया कि 4 अक्तूबर को आगे 15 अक्तूबर माना जाए। वर्ष का आरम्भ 25 मार्च की बजाय 1 जनवरी से करने को कहा। रोमन कैथोलिकों ने पोप के आदेश को तुरन्त माना, पर प्रोटेस्टेंटों ने धीरे-धीरे माना। ब्रिटेन जूलियन कैलेंडर मानता रहा और 1752 तक उसमें 11 दिन का अंतर आ गया। अत: उसे ठीक करने के लिए 2 सितम्बर के बाद अगला दिन 14 सितम्बर कहा गया। उस समय लोग नारा लगाते थे "Criseus back our 11 days"। इग्लैण्ड के बाद बुल्गारिया ने 1918 में और ग्रीक आर्थोडाक्स चर्च ने 1924 में ग्रेगोरियन कैलेण्डर माना।
#हिजरी या #इस्लामी_पंचांग को (अत-तक्वीम-हिज़री ,तकवीम-ए-हिज़री-ये-क़मरी) जिसे हिजरी कालदर्शक भी कहते हैं, एक चंद्र कालदर्शक है, जो न सिर्फ मुस्लिम देशों में प्रयोग होता है बल्कि इसे पूरे विश्व के मुस्लिम भी इस्लामिक धार्मिक पर्वों को मनाने का सही समय जानने के लिए प्रयोग करते हैं। यह चंद्र-कालदर्शक है, जिसमें वर्ष में बारह मास, एवं 354 या 355 दिवस होते हैं। क्योंकि यह सौर कालदर्शक से 11 दिवस छोटा है इसलिए इस्लामी धार्मिक तिथियाँ, जो कि इस कालदर्शक के अनुसार स्थिर तिथियों पर होतीं हैं, परंतु हर वर्ष पिछले सौर कालदर्शक से 11 दिन पीछे हो जाती हैं। इसे हिज्रा या हिज्री भी कहते हैं, क्योंकि इसका पहला वर्ष वह वर्ष है जिसमें कि हज़रत मुहम्मद की मक्का शहर से मदीना की ओर हिज्ऱत (प्रवास) हुई थी। हर वर्ष के साथ वर्ष संख्या के बाद में H जो हिज्र को संदर्भित करता है या AH (लैटिनः अन्नो हेजिरी (हिज्र के वर्ष में) लगाया जाता है।[1]हिज्र से पहले के कुछ वर्ष (BH) का प्रयोग इस्लामिक इतिहास से संबंधित घटनाओं के संदर्भ मे किया जाता है, जैसे मुहम्म्द साहिब का जन्म लिए 53 BH।
वर्तमान हिज्री़ वर्ष है 1442 AH.
#Juche_कैलेंडर साउथ कोरिया
ग्रेगोरियन कैलेंडर पर चल रहे एक संशोधित संस्करण कैलेंडर वास्तव में juche कैलेंडर के रूप में जाना जाता है पहला वर्ष नेता किम इल सुंग के जन्म से चला जो वर्ष 1912 में पैदा हुआ था। वर्तमान में वहाँ 110 वाँ साल चल रहा है।
#इथियोपियन_कैलेंडर
अफ्रीका (Africa) देश से सटे इस देश का नाम Ethiopia है। इस देश का कैलेंडर दुनिया से 7 साल 3 महीने पीछे चलता है। यह देश बाकी देशों देशों से कई मामले में एकदम अलग है जैसे कि आम तौर पर 1 साल में 12 महीने होते हैं पर इनके यहां 1 साल में 13 महीने होते हैं।
Ethiopia पर रोमन चर्च की छाप भारी रही है मतलब यहां पर उनका अपना ऑर्थोडॉक्स चर्च माना जाता है। Ethiopia में ईसा मसीह का जन्म साथ BC में होता है तो दूसरी तरफ पुरी दुनिया का कैलेंडर बताता है कि ईसा मसीह का जन्म एडी में हुआ। यही कारण है कि यहां का कैलेंडर आज भी 2013 में अटका हुआ है। जबकि सारे देशों में 2021 की शुरुआत हो चुकी है
इथोपियन अपने आखिरी महीने को Pagume कहते हैं इसमें 5 या 6 दिन ही होते हैं यह महीने साल में उन दिनों की याद में जोड़ा जाता है जो किसी कारण साल की गिनती में नहीं आते हालांकि इस कारण से वहां पर आए सैलानियों किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।
यह 6 अक्टूबर, 3761 ई.पू. से माना जाता है वर्तमान में 5780वाँ वर्ष चल रहा है।
इस गणना को 12 वीं शताब्दी में Maimonides द्वारा स्थापित किया गया था, पिछली प्रणाली के अनुसार यहूदियों ने पहले इस्तेमाल किया था, जो 70 CE में मंदिर के विनाश से गिना गया था।
#इज़राइल_का_आधिकारिक_कैलेंडर_हिब्रू एक है। कानून के तहत, इजरायल के आधिकारिक दस्तावेजों में उन पर हिब्रू तारीख होनी चाहिए। इसके अलावा, इसराइल में छुट्टियां यहूदी कैलेंडर के अनुसार निर्धारित की जाती हैं, ग्रेगोरियन एक नहीं। इस प्रकार एक दिया हुआ त्यौहार, रोश हशनाह - यहूदी प्रतिवाद के अनुसार हर साल एक ही तारीख को होगा, लेकिन ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार हर साल एक अलग दिन। ऐसा इसलिए है क्योंकि ग्रेगोरियन और यहूदी कैलेंडर मेल नहीं खाते हैं।
यहां तक कि इसराइल में नागरिक छुट्टियां, जैसे कि यरूशलेम दिवस, यहूदी कैलेंडर पर आधारित हैं।
फिर भी अपने दिन-प्रतिदिन के जीवन में, अधिकांश इज़राइली हिब्रू तारीख से पूरी तरह से अनजान हैं और ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार अपने जीवन का नेतृत्व करते हैं। उस ने कहा, एक गैर-धार्मिक धार्मिक अल्पसंख्यक अभी भी पुराने के हिब्रू कैलेंडर का पालन नहीं करता है।
हिब्रू_कैलेंडर बहुत जटिल है, क्योंकि इसमें चंद्र वर्ष (365 दिन, 5 घंटे, 48 मिनट और 46 सेकंड) को चंद्र वर्ष (12 महीने 29 दिन, 12 घंटे, 44 मिनट और 3 सेकंड) के साथ संरेखित करना होता है।
इसका मतलब है कि इसे इस तथ्य के लिए भत्ता बनाना होगा कि 12 चंद्र महीने सौर वर्ष की तुलना में लगभग 12 दिन कम हैं। यह आसान नहीं है।
सबसे प्राचीन लोगों की तरह, सबसे पहले यहूदियों ने कड़ाई से चंद्र कैलेंडर का पालन किया। इसका सबसे पहला रिकॉर्ड 10 वीं शताब्दी ईसा पूर्व का है, जो कैनाईट शहर के गीज़र (येरुशलम और तेल अवीव के बीच का) में पाया जाता है।
हालांकि
Saudi Arabia
Japan
Iran
Israel
Ethiopia
Thailand
North Korea
का अपना-अपना अलग कैलेंडर है। लेकिन अधिकतर देशों में ग्रोगेरियन कैलेंडर माना जाता है।
चिल्ड्रन्स ब्रिटानिका Vol 3-1964 में कैलेंडर के संदर्भ में उसके संक्षिप्त इतिहास का वर्णन किया गया है ।
श्रेय :- अपरिचित सनातनी
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