धर कूचा धर मन्जला मा शोर है
आज तीजा गणगोर है
घर घर छोरिया
पूज ईसर गोरिया
सिर पर गोर उठाया
तिरावन ज लुगाया
चोकी बैठा मर्द पीय चिलम हुक्का
गोर आन्ती देख सिर दिया झुक्का
ओ ही तो है राजस्थानी सन्स्र्किति रो चमन
सार देश सू निरालो है अठ अमन
ई खातिर अठे देव आव रमन
जय राजस्थानए जय राजस्थानीए जय सन्स्करिति
आज तीजा गणगोर है
घर घर छोरिया
पूज ईसर गोरिया
सिर पर गोर उठाया
तिरावन ज लुगाया
चोकी बैठा मर्द पीय चिलम हुक्का
गोर आन्ती देख सिर दिया झुक्का
ओ ही तो है राजस्थानी सन्स्र्किति रो चमन
सार देश सू निरालो है अठ अमन
ई खातिर अठे देव आव रमन
जय राजस्थानए जय राजस्थानीए जय सन्स्करिति
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें