गुरुवार, 8 दिसंबर 2011

पहाड़ नदियों का पथ नहीं रोक सकता |
आंधियां दीपक को नहीं बुझा सकती |
तूफानी लहरें नाविकों को डरा नहीं सकती |
कड़कती बिजलियाँ धरा को ध्वस्त नहीं कर सकती |
मुसीबते आगे बढ़ने वालों को रोक नही सकती ||

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें